बदलते मौसम में बीमारियों को फैलने का खतरा अधिक होता है । ये बीमारियां आप की रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित कर आप के शरीर के आंतरिक अंगो को भी प्रभावित करता है जिसके कारण सर्दी-जुकाम ,खांसी और बुखार परेशान करने लगता है । ऐसी परिस्थिति मे शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए निम्न घरेलू उपाय कर सकते है: -
* निम्बू और अदरक की काली चाय ।
* तुलसी की पत्ती और कालीमिर्च की चाय।
* दो जौ लहसुन ।
* वेजिटेबल सूप
आदि का उपयोग कर शरीर के इम्यूनिटी पावर को बढ़ा सकते है । एक्युप्रेशर System से भी आप अपने शरीर के Immunity power को Boostup कर सकते है । यदि आप के शरीर का Immunity system ठीक ठाक है तो मौसमी बिमारी तंग करना बन्द कर देगा और आप स्वस्थ रहने लगेंगे ।
तो आईये जानते है एक्युप्रेशर क्या है?
एक्यूप्रेशर शरीर के विभिन्न हिस्सों के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर दबाव डालकर रोग के निदान करने की विधि है। चिकित्सा शास्त्र की इस शाखा का मानना है कि मानव शरीर पैर से लेकर सिर तक आपस में जुड़ा है। हजारों नसें, रक्त धमनियों, मांसपेशियां, स्नायु और हड्डियों के साथ अन्य कई चीजें आपस में मिलकर इस मशीन को बखूबी चलाती हैं। अत: किसी एक बिंदु पर दबाव डालने से उससे जुड़ा पूरा भाग प्रभावित होता है। यह भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति है। इसके अंतर्गत लगातार अध्ययनों के बाद मानव शरीर में एक से दो हजार ऐसे बिंदु चिन्हित किए गए हैं, जिन्हें एक्यूप्वाइंट कहा जाता है। जिस जगह दबाव डालने से दर्द हो उस जगह दबने से सम्बन्धित बिनदु कि बीमारी दुर होती है।
मानव के शरीर में लगभग 72000 तंत्रिकातंत्र एवं नाडी तंत्र मौजूद है। कुछ तंत्रिका बाल से भी पतले और बारिक है।इसलिए एक्युप्रेशर चिकित्सा का लाभ अनुभवी व जानकार से हीं ले ।
यदि आप योगा करते हैं तो सुबह उठकर योगा के साथ साथ आपने हाथ और पांव के अंगुलियों को कम से कम 32 सेकंड रबिंग (रगड़ ) करें । हाथ पाँव के अंगुली मेरे बने गाठ के साथ साथ तलहत्थी को भी अंगुठे से दबाब डालें । ऐसा करने से बहुत से बीमारी खत्म होंगे साथ ही साथ शरीर का Immunity power भी बढेगा।
ये हैं एक्यूप्रेशर में हथेली के कुछ प्रमुख बिंदु:
तनाव दूर करने के लिए- हमारी आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव हमें बहुत परेशान करता है। कई बार शारीरिक क्षमता होने के बावजूद मानसिक तनाव के कारण हम कार्य को ठीक तरह से नहीं कर पाते है। ऐसे में आप अंगूठे के इस भाग को 5 मिनट तक दबाए। ये आपकी पिट्यूटरी ग्लैंड को एक्टिव करता है।
थॉयराइड हार्मोंस बैलेंस- थॉयराइड आज लोगों के बीच एक आम समस्य़ा है। इस बीमारी से पीड़ित लोगों का पूरा जीवन अक्सर दवाइयों के सहारे ही बीत जाता है। अगर आपको भी यही समस्या है तो अपनी हथेली के हिस्से को पांच मिनट तक दबाते रहे। यह थॉयराइड हार्मोंस को संतुलित रखने में मदद करता है। साथ ही इससे हेयर लॉस, स्किन प्रॉब्लम और डिप्रेशन जैसी बीमारियों में मदद मिलती है।
मसल्स रिलैक्स- ऑफिस में दिन भर बैठे रहने या फिर गलत तरीके से सोने आदि के चलते अक्सर लोगों में मसल्स खिंच जाने की समस्या देखी जाती है। कनिष्ठा उंगली के इस प्वाइंट पर प्रेशर डालने से मसल्स रिलैक्स होती है और कंधों के दर्द और कान से जुड़ी समस्या में भी आराम मिलता है।
साइनस की समस्या- अपने हाथों की तर्जनी उंगली के इस ऊपरी हिस्से पर 2-2 मिनट तक दबाने से साइनस, दांत दर्द और अल्सर की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।
फेफड़ों की समस्या- हथेली के बीचों बीच यहां पर दबाव डालने से फेफड़ों से जुड़े अस्थमा और ब्रोन्काइटिस के खतरे को कम किया जा सकता है।
लिवर की समस्या- हथेली के इस हिस्से पर 5 मिनट दबाव डालने से लिवर की समस्या दूर की जा सकती है।
यूरिनरी ब्लैडर- यूरिनरी ब्लैडर से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए हथेली के इस हिस्से पर 5 मिनट तक दबाये।
दोस्तों अभी हमने विस्तार से एक्युप्रेशर के बारे में कुछ बेसिक बातों को जाना की कैसे एक्युप्रेशर सिस्टम हमारे शरीर के सुचना तंत्र को तकनीक के माध्यम से नियंत्रित करता है लेकिन आप इसे खुद से तभी करे जब आप एक्सपर्ट से सीखें क्युकी आपके स्वस्थ्य शरीर के सारे एक्युप्रेशर पॉइंट एक्टिव होते है और शरीर को जरुरी सूचनाएं आदान प्रदान हमेशा करते रहते है अंदरूनी तकनीक के माध्यम से ऐसे में आप गलत पॉइंट प्रेस करेंगे तब गलत प्रभाव ही दिखेगा हमने विशेष जानकारी के उदेश्य से आपको एक्युप्रेशर के विषय में समझाया है यह भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्ति में से एक है, एक बात हमेशा याद रखे हमेशा एक्सपर्ट की सलाह पर ही एक्युप्रेशर पद्ति का इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए करे |
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