आधुनिक जीवनशैली के कारण, डायबिटीज़(मधुमेह) रोगियों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। शायद आपको पता हो कि, शरीर को सबसे अधिक ऊर्जा शुगर या स्टार्च से मिलती है। शरीर में इन्सुलिन की कमी होने पर शुगर ऊर्जा में परिवर्तित होने के बजाय रक्त में जमा होकर डायबिटीज़ का कारण बनता है।
डायबिटीज़ मुख्यक रूप से दो प्रकार की होती है :
टाइप1 डायबिटीज़: इस स्थिति में शरीर इन्सुलिन का निर्माण बंद कर देता है। ऐसा वायरस के संक्रमण से या प्रतिरक्षा प्रणाली में किसी खराबी के कारण हो सकता है।
टाइप2 डायबिटीज़: ज्यादातर लोगों में यह डायबिटीज़ पाया जाता है। शरीर में ठीक प्रकार से इन्सुकलिन ना बनने के कारण टाइप2डायबिटीज़ होता है। इसका मुख्यं कारण है, मोटापा या शरीरिक श्रम की कमी। यह अनुवांशिक कारण से भी हो सकता है।
गंगाराम अस्पताल के एंडोक्रायनालाजी और मेटाबालिज्म विभाग के अध्यक्ष डाक्टर सुरेंद्र कुमार के अनुसार जिन लोगों के परिवारों में पहले से ही किसी को डायबिटीज़ है, उन्हें समय रहते सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि एक बार डायबिटीज़ होने के बाद अतिरिक्त सुरक्षा की आवश्यकता होती है।
डायबिटीज़ में नियमित व्यायाम का सबसे बड़ा फायदा यह है, कि इस दौरान इस्ते माल होने वाली ऊर्जा से शुगर का स्त र कम हो जाता है।
व्यायाम के कुछ सामान्य विकल्प :
• तेज़ गति से टहलें: टहलना सबसे सरल व्यातयाम है और इसके लिए आपको कहीं दूर जाने की भी आवश्यटकता नहीं।
• साइकिल चलायें: बचपन में साइलिंस ग तो हम सभी ने की है।
• सीढि़यों का प्रयोग: कार्यालय या घर में लिफ्ट की बजाय सीढि़यों का प्रयोग करें ।
• योग या एरोबिक्स: इसके अपने फायदे हैं, लेकिन किसी योगा विशेषज्ञ से संपर्क ज़रूर करें।
कुछ संभव प्रयास कर डायबिटीज़ को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
No comments:
Post a Comment