Tuesday 21 December 2021

इम्युनिटी क्या है और क्या महत्त्व है इसका जीवन में !




आज हर तरफ़ कोरोना वायरस की ही चर्चा हो रही है कोरोना मनुष्यों के अस्तित्व पर ऐसा ख़तरा बन कर आया है की चारों तरफ अफरा तफरी और कोहराम मच रही है लोग परेशान हो गए है और ऐसे में वहीं व्यक्ति इस वायरस से या कोई अन्य वायरस या ख़तरनाक सूक्ष्म जीव से खुद को बचा पायेगा जिसका होगा इम्यून सिस्टम या इम्युनिटी मजबूत तो आईये इम्युनिटी या प्रतिरक्षा के बारे में जानें. 

Immunity (प्रतिरक्षा): -

इम्युनिटी शरीर के भीतर वह शक्ति है जो हमारे शरीर को किसी बाह्य वायरस बैक्टीरिया या अन्य कोई सूक्ष्मजीव जो किसी कारनवश शरीर के अंदर घुस जाते है और किसी न किसी तरह से स्वस्थ्य शरीर को रोगी बना देते है उस से रक्षा करने का काम शरीर के अंदर करता है|

इम्युनिटी को हिंदी में रोग प्रतिरोधक क्षमता या प्रतिरक्षा कहा जाता है। प्रतिरक्षा के बारे में सबसे पहले रूसी वैज्ञानिक द्वितीय मेनिकिकोव और फ्रांसीसी सूक्ष्म जीवविज्ञानी लुई पाश्चर ने बताया था। शुरुआत में प्रतिरक्षा को केवल इन्फेक्शन या संक्रामक बीमारियों के लिए जीव की प्रतिरक्षा के रूप में माना जाता था पर बाद में पता चला की यह हमारे शरीर को सभी तरह की बिमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है और साथ ही यह बीमारियों से लड़ने के लिए शरीर की सेल्स को भी बदल देती है। उदाहरण के लिए यदि आपकी इम्युनिटी अच्छी है तो आप कैंसर जैसी घातक बीमारी से भी लड़ सकते है |

इम्युनिटी के प्रकार:

प्रतिरक्षा दो प्रकार की होती है- इनेट और एडेटिव इम्युनिटी.

इनेट इम्युनिटी: यह व्यक्ति को रोगों के प्रति सुरक्षा देती है परन्तु यह दीर्घकालिक नहीं होती।

एडेटिव इम्युनिटी: यह व्यक्ति को रोगों के प्रति सुरक्षा देती है साथ ही यह विशिष्ट रोगजनकों के खिलाफ दीर्घकालिक सुरक्षा भी देती है।


इम्युनिटी का महत्व:

यदि हमारा शरीर स्वस्थ्य है तो इसके पीछे यदि कोई ढाल बन कर शरीर के अंदर हमें विभिन्न तरह के रोगों के संक्रमण से बचाता है तो वह है इम्यून सिस्टम यह हर जीवित प्राणियों के अंदर होता है लेकिन किसी में कम किसी में संतुलित और कुछ लोगों में अत्यधिक हो सकती है तो जिसके शरीर में जितना ज्यादा इम्युनिटी होगा वो उतना ही स्वस्थ्य रहेगा क्यूंकि उसके पास वायरस, बैक्टीरिया या अन्य किसी सूक्ष्मजीवों से जनित संक्रमण से बचाने की प्रबल शक्ति होती है, स्वस्थ्य शरीर के लिए बेहतर इम्युनिटी और इम्यून सिस्टम होना बहुत जरुरी होता है |

कुछ लोग दूसरों की तुलना में ज्यादा बीमार क्यों होते हैं? इसका उत्तर है शायद उनकी बॉडी में उतनी क्षमता नहीं होती कि जर्म्स और वायरस से लड़ सके, जिसका मतलब यह है कि आपकी इम्युनिटी या रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम या उनका इम्यून सिस्टम कमजोर है। इसके कम होने के बहुत सारे कारण हो सकते हैं जो नीचे दिए गए हैं-

तनाव: लगभग हम सभी ने हमारे जीवन में किसी न किसी बिंदु पर तनाव जरूर महसूस किया होगा। सिरदर्द, छाती में दर्द, बेचैनी और समग्र तनाव महसूस करने से तनाव की पहचान होती है। ये सभी कारक मिलकर हमारे इम्यून सिस्टम को और कठिन मेहनत करने के लिए मजबूर करते हैं जिससे हमारा शरीर बिमारियों से लड़ सके। परन्तु कभी कभी हमारा इम्यून सिस्टम इनसे लड़ नहीं पता और Low Immunity का कारण बनता है।

व्यायाम न करना: हमारा इम्यून सिस्टम हमारे शरीर के लिए और हमारी लाइफ स्टाइल के अनुसार हमेशा फिट हो यह हर बार जरुरी नहीं होता एक अध्ययन बताता है की नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से न्यूट्रोफिल्स को कार्य करने में सहायता करता है, न्यूट्रोफिल्स वो सेल्स होती हैं जो अवांछित और कभी-कभी खतरनाक सूक्ष्मजीवों को मारने के लिए काम करती हैं। ये सूक्ष्मजीव स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। इस प्रकार एक्सरसाइज न करना Low Immunity  का कारण बन सकता है।

सही नींद न लेना: क्या आप जानते हैं कि जब आप सो रहे होते हैं तब भी आपकी ब्लड सेल्स जो इन्फेक्शन से लड़ती हैं, वो उस समय भी इन्फेक्शन को आपकी बॉडी से दूर रखने के लिए कार्य कर रही होती हैं। इसलिए कम नींद और थकान भी Low Immunity का कारण हो सकती है। 

अनुचित पोषण: संतुलित भोजन करें जिसमे सभी विटामिन, खनिज, पोषक तत्व, एंटीऑक्सीडेंट्स और जरूरी तत्व उपस्थित हों। वहीं फैटी जंक फूड्स को खाने से बचना चाहिए क्योंकि इनमे पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स होते हैं जो इम्यून सिस्टम को काम करने से रोकते हैं|

 इम्युनिटी बढ़ने के उपाय:

इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए आप निम्नलिखित डाइट्स और उपायों को कर सकते है जो इस प्रकार हैं-

नियमित रूप से व्यायाम करें : नियमित व्यायाम हमारे ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ा कर हमारी इम्युनिटी को बढ़ता है

विटामिन डी वाले खाद्य पदार्थों का उपभोग करें: विटामिन डी का सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है, खासकर जब हमारे शरीर को कोल्डऔर फ्लू सहित श्वसन संक्रमण के खिलाफ लड़ना हो ।

अतिरिक्त दवा खाने से बचें: अत्यधिक दवाएं का सेवन आपकी इम्यून सिस्टम में बाधा डालती हैं और आपके लिवर, किडनी और रेस्पिरेटरी सिस्टम को कार्य करने में बाधा डालती हैं और गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं। हालांकि दवाएं और एंटीबायोटिक्स शरीर को बीमारियों से ठीक करने में मदद करते हैं, पर यह शरीर की प्रतिरक्षा में सुधार करने में मदद नहीं करती है।

कॉफी की जगह ग्रीन टी पियें: हालाँकि कॉफ़ी में कुछ एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं पर यह हमारे शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को रोकती है इसलिए कॉफ़ी के स्थान पर ग्रीन टी पियें यह आपके मेटाबोलिज्म को बढ़ती है और इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करती है।

धूम्रपान और शराब पीने से बचें: धूम्रपान, तम्बाकू और शराब का ज़बान आपके इम्यून सीटें को कार्य करने में बाधा डाल सकता है। जिससे आपका शरीर कई बिमारियों से इन्फेक्टेड हो सकता है, इसलिए इन सभी का त्याग करे और अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाएं।

विषाक्त खाद्य पदार्थों को न खायें: रिफाइंड शुगर और प्रोसेस्ड फ़ूड का बहुत लम्बे समय तक और बहुत ज्यादा सेवन आपके इम्यून सिस्टम को कमजोर बना सकता है, जिसके कारण बीमारियां होने का खतरा बढ़ सकता है और हमारी वाइट ब्लड सेल्स जो बैक्टीरिया को मारती हैं उनकी क्षमता कम हो जाती है।

स्वच्छता बनाए रखें: ज्यादातर इन्फेक्शन दूषित सतहों को छूने से और फिर उन्ही को अपने मुंह आँख नाक पर लगाने से फैलते हैं। इस इन्फेक्शन के होने की सम्भावना को कुछ अच्छी आदतों को अपनाकर दूर किया जा सकता है, जैसे – आस पास स्वछता का ध्यान रखें, खाना खाने से पहले और खाना खाने के बाद हाथों को अच्छे से धोएं, दूषित भोजन न खाएं, नाखूनों को काट कर रखें इत्यादि।

पर्याप्त नींद लें: नींद की कमी प्रतिरक्षा प्रणाली को समझौता करने की लिए मजबूर करती है इसलिए आपको हर दिन पर्याप्त नींद लेनी चाहिए।

दिल खोल कर हँसे: खुल कर हँसने से आपकी इम्युनिटी तो बढ़ती ही है साथ ही आपकी मेन्टल हेल्थ में भी सुधार आता है, इसलिए जब भी मौका मिले अपने दोस्तों, रिश्तेदारों के साथ मिलकर खुल कर हँसे।

प्रतिरक्षा बूस्टिंग फूड्स का उपभोग करें: अपनी समग्र प्रतिरक्षा में सुधार के लिए तरबूज, गेहूं, दही, पालक, मीठे आलू, ब्रोकोली, लहसुन, अदरक, अनार का रस इत्यादि जैसे प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का उपभोग करें। तरबूज में Glutathione, एंटीऑक्सिडेंट होता है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है। प्रतिरक्षा में वृद्धि के लिए गेहूं की जर्म भी खपत की जा सकती है। यह एंटीऑक्सिडेंट्स, बी विटामिन और जस्ता का एक बड़ा स्रोत है। गेहूं की जर्म में प्रोटीन, फाइबर और कुछ स्वस्थ वसा का एक बड़ा संयोजन भी होता है।

हमारे शरीर को प्रतिरक्षा की बहुत आवश्यकता होती है, तभी यह विभिन्न प्रकार के रोगों और इन्फेक्शन से लड़ सकता है, इसलिए जरुरी है कि अपने शरीर का ध्यान रखें, हेल्दी डाइट लें और अपने इम्यून सिस्टम और इम्युनिटी का ख्याल रखें।

Thursday 16 December 2021

मसालें(Spices) : जानें भारतीय मसाले के औषधिय गुणों को !!

 

भारतीय मसालें भोजन में स्वाद बढ़ाने के साथ- साथ मनुष्य के स्वास्थय के लिए भी लाभप्रद होते हैं.  भारत के सभी कोनो में तरह- तरह के मसाले पाए जाते हैं. जो खाने को लजीज बनाते हैं. हमारा देश हमेशा से मसालों से भरपूर रहा है.

                                                            मसालें(Spices)



भारतीय मसालें भोजन में स्वाद बढ़ाने के साथसाथ मनुष्य के स्वास्थय के लिए भी लाभप्रद होते हैंभारत के सभी कोनो में तरहतरह के मसाले पाए जाते हैंजो खाने को लजीज बनाते हैंहमारा देश हमेशा से मसालों से भरपूर रहा हैपरन्तु कुछ ऐसे मसालें हैंजिन्हें लोग कम ही जानते हैं जैसे:- मराठी मोग्गूरूट फॉर रेड - रतनजोतकंठारी व्हाइट चिल्लीज , कबाब चीनी etc .
इनके बारे में हम बाद में चर्चा करेंगेपहले हम उन मसालों के बारे में जानते हैं जो आमतौर पर भारतीय रसोई में उपयोग किए जाते हैं।
 जिस तरह से हम खाना बनाते हैं और दुनियाभर में भोजन का सेवन होता है उनमें मसालों की एक अहम और महत्वपूर्ण भूमिका होती हैहर मसाले की एक अलग ही स्वाद और विशेषता होती हैप्राचीन समय में विदेशी मसाले के व्यापारियों को भारत ने खूब आकर्षित किया हैमसालों कि तलाश में बहुत से देशों के दूरदराज के हिस्सों में घूमने वाले व्यापारियों में से जो भारत आएउनमें से कुछ अपना हिस्सा लेकर लौट गए और कुछ यहीं बस गए जीवनयापन हेतुभारतीय संस्कृति में मसालों की भूमिका अविश्वसनीय हैमसालों को स्वस्थ्य के आधार पर भी कई प्रकार से लाभप्रद माना गया है.

  • बेशक ज्यादातर भारतीयों को चटपटा और मसालेदार खाना बहुत पसंद होता है और यही वजह है कि हमारे यहाँ ज्यादातर खाने में मसालों का भरपूर प्रयोग किया जाता है.  दुनियाभर के कुल मसालों का 70% हिस्से का उत्पादन हमारे देश में ही होता हैदुनिया के अधिकांश घरों में भारतीय मसाले पाए जाते है
  • 18 वीं सदी के समयजब अमेरिका एक स्वतंत्र देश के तौर पे उभरा था तबसे ही अमेरिका के लोगों ने भारत के किसानों से मसालों का व्यापार स्टार्ट कर  दिया था.  इस प्रकार मसाले पश्चिमी सभ्यता का भी हिस्सा बन गये.
  • 14 वीं शताब्दी के समय मसाले सोने से भी ज्यादा कीमती मानें जाते थे.
  • थी सदी के समय काली मिर्च को एक अहम् मसाला माना जाता थासाथ ही विश्व में यह बेहद लोकप्रिय थाग्रीस के लोग इसे ब्लैक गोल्ड कहा करते थेभारत में लगभग 5,000 सालों से नमक का उत्पादन होता  रहा हैहमारा रसोईघर अर्थात किचन कई सारे औषधीय तत्वों तत्त्वों से भरा रहता हैमसाले के इन गुणों के कारण हमें कई सारी पुरानी बीमारियों से लड़ने में काफी मदद मिलती हैबिना मसालों के हमारे किचन में स्वाद  ही नहीं सकता.

ज्यादातर लोगों को मसालों के औषधीय गुणों के बारें में जानकारी कम ही होती हैतो चलिए जानते हैं मसालों के औषधीय गुणों से होने वाले लाभ के बारें में:-

1. दालचीनी (Cinnamon):- दूसरे मसालों की तुलना में दालचीनी में एंटीऑक्सिडेंट्स की मात्रा सबसे अधिक पायी जाती हैयह एक सुगन्धित मसाला हैजिसका उपयोग खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए किया जाता हैइसके साथ ही कई तरह की आयुर्वेदिक और एलोपैथिक दवाइयों में भी दालचीनी का प्रयोग किया जाता हैदालचीनी एक पसंदीदा घरेलु मसाला हैजिसका प्रयोग दुनिया भर में सदियों से होता  रहा हैइसमें अधिक मात्रा में पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर को शरीर की बीमारियों से बचाते हैं.


इसके औषधीय गुण:-

  • इसके औषधीय गुण कैंसर से बचाव करते हैं.
  • मधुमेह को नियंत्रित करता है.
  • हार्ट का खास ख्याल रखता है.
  • इससे बनी चाय का इस्तेमाल दिमाग की कार्यशीलता को बढ़ाता है.
  • यह कोलेस्ट्रॉल को कम करता है.
  • इसके पाउडर का सेवन करने से गठिया के दर्द में राहत मिलती है.
  • साँस में हुए किसी भी प्रकार के संक्रमण को दूर करने में बहुत मददगार साबित होता है.
  • पेट  मूड के खराब होने पर दालचीनी का सेवन फायदेमंद माना जाता है.

2हल्दी (Turmeric):-यह एक चमत्कारी मसाला है और भारत में इसका प्रयोग लम्बें समय से किया जा रहा हैकई आयुर्वेदिक और हर्बल मेडिसिन्स में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता हैइसके पत्तों का उपयोग भी असरदार माना जाता हैयह एक एंटीऑक्सिडेंट्स , एंटीवायरल , एंटीबैक्टीरियल , एंटीफंगलएंटी कार्सिनोजेनिकएंटी मुटागेनिक एंड एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर हैहल्दी हमारे मस्तिष्क के लिए भी उत्तम हैगठिया से राहत देता है , कैंसर से बचाता है और भी इलाज के गुण रखता हैऑस्ट्रिया अर्थारिटिस और रूमेटिएड गठिया के इलाज के लिए हल्दी में विरोधी भड़काऊ गुण महत्वपूर्ण हैएंटी ऑक्सीडेंट शरीर में मुक्त कणों को भी नष्ट करता हैजो कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाते है.


हल्दी के औषधीय गुण:-

  • इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए हल्दी का दूध पीना फायदेमंद होता है.
  • चोट लगने पर प्रभावित जगह पर हल्दी का पावडर लगाना लाभप्रद होता है.
  • इसमें कुर्कुमिन नामक एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता हैजो बढ़ते उम्र के प्रभावों को काफी हद तक कम करने में सहायक होता है.
  • हल्दी कोलेस्ट्रॉल को भी कम करती है.
  • यह एक नेचुरल डिटॉक्सिफायर हैहल्दी लीवर को स्वस्थ्य रखने में सहायक होता है.
  • कैंसर के मरीजों के लिए भी हल्दी फायदेमंद होती है.
  • सूजन को कम करने में भी हल्दी का प्रयोग किया जाता है.
  • वजन कम करने में भी हल्दी का इस्तेमाल भोजन के माध्यम से किया जाता है.
  • हल्दी पाचन क्रिया को भी मजबूत करती है.
  • इसके सेवन से अल्जाइमर्स रोग से भी बचाव होता है.
3. जीरा (Cumin Seeds):-जीरे में आयरन और मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत पाया जाता हैइसके सेवन से ब्लड प्रेशर को नियंत्रित किया जा सकता हैजीरा गर्भवती स्त्रियों के लिए फायदेमंद माना जाता हैक्योंकि यह मतली की समस्या को ठीक करता हैयह मेटाबोलिज्म को बढ़ाता है.

जीरा के औषधीय गुण:-

  • जीरा शरीर की रोग - प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करता है.
  • स्तनपान करानेवाली महिलाओं को जीरा का सेवन करना फायदेमंद होता है.
  • वजन घटाने में भी जीरा अहम भूमिका निभाता है.
  • साँस की बिमारी में भी जीरा फायदेमंद होता है.
  • एनीमिया को दूर करके जीरा आपको ऊर्जावान रखता है.
  • जीरा का पावडर पाचन क्रिया को ठीक करता है.
  • इसका पावडर हड्डियों को स्वस्थ बनाता है.
  • जीरे की चाय के सेवन से अनिद्रा की समस्या दूर होती है.
  • जीरे का इस्तेमाल याददाश्त बढ़ाने में भी काम आता है.
  • जीरा डायबिटीज कण्ट्रोल में भी काम आता है.
4. काली मिर्च (Black Paper):-स्वाद में तीखी काली मिर्च को बेहतर एंटी ऑक्सीडेंट माना जाता हैकिसी भी रेसेपी में एक चुटकी काली मिर्च का पावडर उस रेसेपी का स्वाद कई गुणा बढ़ा देती हैकाली मिर्च को मसालों का राजा कहा जाता है.  यह वजन को घटाने में मदद करती हैठंढ और खांसी से राहत देती हैपाचन में सुधार करती है साथ ही स्किन की कई सारी समस्याओं का इलाज करती हैकाली मिर्च पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड को बढ़ावा देती हैजो पाचन क्रिया के लिए मददगार होता हैइसके इस्तेमाल से पेट में कब्ज नहीं होता हैइसमें आयरन होता है जो की शरीर के लिए जरुरी होता हैसाथ ही यह हाई ब्लड प्रेशर को low करने में मदद करता है.



काली मिर्च के औषधीय गुण:-

  • इसके सेवन से पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड का स्राव बढ़ता है.
  • इसकी तासीर गर्म होती हैजिसकी वजह से कफ  सर्दी जुकाम में राहत मिलती है,
  • काली मिर्च गठिया के रोगी को फायदा पहुँचाती है.
  • स्किन पे काली मिर्च का तेल लगाने से गर्माहट मिलती हैजिससे ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है.
  • पेट में जब गैस बन जाता है तो काली मिर्च का प्रयोग करना चाहिएये गैस को बाहर निकाल देती है.
  • पिपरिन नामक केमिकल की उपस्थिति में काली मिर्च शरीर में विटामिन A, C एंड बीटा कैरोटीन जैसे पोषक तत्वों को बढ़ाती है.
  • काली मिर्च के बाहरी परत में फाइटोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैंजो वसा कोशिकाओं को तोड़ने में काफी मदद करते हैंजिससे वजन कम होता है.
  • पिपरिन की मदद से सेरोटॉनिक का उत्पादन बढ़ता हैजो की एक तरह का एंटी डिप्रेसेंट हैजिससे मूड ठीक होता है और उदासी कम होती है.
  • इसके सेवन से अल्जाइमर्स के रोग को भी ठीक किया जा सकता है.

5. धनिया (Coriander):-हरी धनिया और धनिया पाउडर के बिना व्यंजन का स्वाद फीका रह जाता है साथ ही इसके इस्तेमाल से व्यंजन से आने वाली खुशबू बढ़ जाती हैज्यादातर व्यंजन को गार्निश करने के लिए हम धनिया के हरी पत्तियों का प्रयोग करते हैंजिससे हमारे व्यंजन का स्वाद और उसकी खुशबू एवं देखने में सुंदरता सभी बढ़ जाते हैंधनिया को सीलैंट्रो नाम से भी जाना जाता हैयह स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार से फायदेमंद हैधनिया के बीज में एंटी ऑक्सीडेंट गुण और आहार फाइबर होते हैंजो लीवर के स्वस्थ काम को a आगे हैं है और मल त्याग की सुविधा प्रदान करते हैंये पाचन यौगिकों और रस की पीढ़ी में मदद करते हैंजो पाचन की प्रक्रिया को आसान बनाते हैंयदि आपका भोजन सही तरीके से  पचा हो तो आप अपने खाना में धनिया के बीज शामिल करेंआपको फर्क जरूर महसूस होगा.






नींबू है नंबर वन साबुन और सनिटिज़ेर से भी ज्यादा कारगर वायरस बैक्टीरिया से लड़ने में, Coronavirus से बचने के लिए नींबू से हाथ धोएं !!

कोरोना वायरस (Corona Virus) से अब आपको बिलकुल घबराने के जरुरत नहीं है. हाथ धोने के लिए अगर आपके पास साबुन या सैनिटाइजर नहीं भी हो तो भी ये ज...