Thursday 16 December 2021

मसालें(Spices) : जानें भारतीय मसाले के औषधिय गुणों को !!

 

भारतीय मसालें भोजन में स्वाद बढ़ाने के साथ- साथ मनुष्य के स्वास्थय के लिए भी लाभप्रद होते हैं.  भारत के सभी कोनो में तरह- तरह के मसाले पाए जाते हैं. जो खाने को लजीज बनाते हैं. हमारा देश हमेशा से मसालों से भरपूर रहा है.

                                                            मसालें(Spices)



भारतीय मसालें भोजन में स्वाद बढ़ाने के साथसाथ मनुष्य के स्वास्थय के लिए भी लाभप्रद होते हैंभारत के सभी कोनो में तरहतरह के मसाले पाए जाते हैंजो खाने को लजीज बनाते हैंहमारा देश हमेशा से मसालों से भरपूर रहा हैपरन्तु कुछ ऐसे मसालें हैंजिन्हें लोग कम ही जानते हैं जैसे:- मराठी मोग्गूरूट फॉर रेड - रतनजोतकंठारी व्हाइट चिल्लीज , कबाब चीनी etc .
इनके बारे में हम बाद में चर्चा करेंगेपहले हम उन मसालों के बारे में जानते हैं जो आमतौर पर भारतीय रसोई में उपयोग किए जाते हैं।
 जिस तरह से हम खाना बनाते हैं और दुनियाभर में भोजन का सेवन होता है उनमें मसालों की एक अहम और महत्वपूर्ण भूमिका होती हैहर मसाले की एक अलग ही स्वाद और विशेषता होती हैप्राचीन समय में विदेशी मसाले के व्यापारियों को भारत ने खूब आकर्षित किया हैमसालों कि तलाश में बहुत से देशों के दूरदराज के हिस्सों में घूमने वाले व्यापारियों में से जो भारत आएउनमें से कुछ अपना हिस्सा लेकर लौट गए और कुछ यहीं बस गए जीवनयापन हेतुभारतीय संस्कृति में मसालों की भूमिका अविश्वसनीय हैमसालों को स्वस्थ्य के आधार पर भी कई प्रकार से लाभप्रद माना गया है.

  • बेशक ज्यादातर भारतीयों को चटपटा और मसालेदार खाना बहुत पसंद होता है और यही वजह है कि हमारे यहाँ ज्यादातर खाने में मसालों का भरपूर प्रयोग किया जाता है.  दुनियाभर के कुल मसालों का 70% हिस्से का उत्पादन हमारे देश में ही होता हैदुनिया के अधिकांश घरों में भारतीय मसाले पाए जाते है
  • 18 वीं सदी के समयजब अमेरिका एक स्वतंत्र देश के तौर पे उभरा था तबसे ही अमेरिका के लोगों ने भारत के किसानों से मसालों का व्यापार स्टार्ट कर  दिया था.  इस प्रकार मसाले पश्चिमी सभ्यता का भी हिस्सा बन गये.
  • 14 वीं शताब्दी के समय मसाले सोने से भी ज्यादा कीमती मानें जाते थे.
  • थी सदी के समय काली मिर्च को एक अहम् मसाला माना जाता थासाथ ही विश्व में यह बेहद लोकप्रिय थाग्रीस के लोग इसे ब्लैक गोल्ड कहा करते थेभारत में लगभग 5,000 सालों से नमक का उत्पादन होता  रहा हैहमारा रसोईघर अर्थात किचन कई सारे औषधीय तत्वों तत्त्वों से भरा रहता हैमसाले के इन गुणों के कारण हमें कई सारी पुरानी बीमारियों से लड़ने में काफी मदद मिलती हैबिना मसालों के हमारे किचन में स्वाद  ही नहीं सकता.

ज्यादातर लोगों को मसालों के औषधीय गुणों के बारें में जानकारी कम ही होती हैतो चलिए जानते हैं मसालों के औषधीय गुणों से होने वाले लाभ के बारें में:-

1. दालचीनी (Cinnamon):- दूसरे मसालों की तुलना में दालचीनी में एंटीऑक्सिडेंट्स की मात्रा सबसे अधिक पायी जाती हैयह एक सुगन्धित मसाला हैजिसका उपयोग खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए किया जाता हैइसके साथ ही कई तरह की आयुर्वेदिक और एलोपैथिक दवाइयों में भी दालचीनी का प्रयोग किया जाता हैदालचीनी एक पसंदीदा घरेलु मसाला हैजिसका प्रयोग दुनिया भर में सदियों से होता  रहा हैइसमें अधिक मात्रा में पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर को शरीर की बीमारियों से बचाते हैं.


इसके औषधीय गुण:-

  • इसके औषधीय गुण कैंसर से बचाव करते हैं.
  • मधुमेह को नियंत्रित करता है.
  • हार्ट का खास ख्याल रखता है.
  • इससे बनी चाय का इस्तेमाल दिमाग की कार्यशीलता को बढ़ाता है.
  • यह कोलेस्ट्रॉल को कम करता है.
  • इसके पाउडर का सेवन करने से गठिया के दर्द में राहत मिलती है.
  • साँस में हुए किसी भी प्रकार के संक्रमण को दूर करने में बहुत मददगार साबित होता है.
  • पेट  मूड के खराब होने पर दालचीनी का सेवन फायदेमंद माना जाता है.

2हल्दी (Turmeric):-यह एक चमत्कारी मसाला है और भारत में इसका प्रयोग लम्बें समय से किया जा रहा हैकई आयुर्वेदिक और हर्बल मेडिसिन्स में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता हैइसके पत्तों का उपयोग भी असरदार माना जाता हैयह एक एंटीऑक्सिडेंट्स , एंटीवायरल , एंटीबैक्टीरियल , एंटीफंगलएंटी कार्सिनोजेनिकएंटी मुटागेनिक एंड एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर हैहल्दी हमारे मस्तिष्क के लिए भी उत्तम हैगठिया से राहत देता है , कैंसर से बचाता है और भी इलाज के गुण रखता हैऑस्ट्रिया अर्थारिटिस और रूमेटिएड गठिया के इलाज के लिए हल्दी में विरोधी भड़काऊ गुण महत्वपूर्ण हैएंटी ऑक्सीडेंट शरीर में मुक्त कणों को भी नष्ट करता हैजो कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाते है.


हल्दी के औषधीय गुण:-

  • इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए हल्दी का दूध पीना फायदेमंद होता है.
  • चोट लगने पर प्रभावित जगह पर हल्दी का पावडर लगाना लाभप्रद होता है.
  • इसमें कुर्कुमिन नामक एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता हैजो बढ़ते उम्र के प्रभावों को काफी हद तक कम करने में सहायक होता है.
  • हल्दी कोलेस्ट्रॉल को भी कम करती है.
  • यह एक नेचुरल डिटॉक्सिफायर हैहल्दी लीवर को स्वस्थ्य रखने में सहायक होता है.
  • कैंसर के मरीजों के लिए भी हल्दी फायदेमंद होती है.
  • सूजन को कम करने में भी हल्दी का प्रयोग किया जाता है.
  • वजन कम करने में भी हल्दी का इस्तेमाल भोजन के माध्यम से किया जाता है.
  • हल्दी पाचन क्रिया को भी मजबूत करती है.
  • इसके सेवन से अल्जाइमर्स रोग से भी बचाव होता है.
3. जीरा (Cumin Seeds):-जीरे में आयरन और मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत पाया जाता हैइसके सेवन से ब्लड प्रेशर को नियंत्रित किया जा सकता हैजीरा गर्भवती स्त्रियों के लिए फायदेमंद माना जाता हैक्योंकि यह मतली की समस्या को ठीक करता हैयह मेटाबोलिज्म को बढ़ाता है.

जीरा के औषधीय गुण:-

  • जीरा शरीर की रोग - प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करता है.
  • स्तनपान करानेवाली महिलाओं को जीरा का सेवन करना फायदेमंद होता है.
  • वजन घटाने में भी जीरा अहम भूमिका निभाता है.
  • साँस की बिमारी में भी जीरा फायदेमंद होता है.
  • एनीमिया को दूर करके जीरा आपको ऊर्जावान रखता है.
  • जीरा का पावडर पाचन क्रिया को ठीक करता है.
  • इसका पावडर हड्डियों को स्वस्थ बनाता है.
  • जीरे की चाय के सेवन से अनिद्रा की समस्या दूर होती है.
  • जीरे का इस्तेमाल याददाश्त बढ़ाने में भी काम आता है.
  • जीरा डायबिटीज कण्ट्रोल में भी काम आता है.
4. काली मिर्च (Black Paper):-स्वाद में तीखी काली मिर्च को बेहतर एंटी ऑक्सीडेंट माना जाता हैकिसी भी रेसेपी में एक चुटकी काली मिर्च का पावडर उस रेसेपी का स्वाद कई गुणा बढ़ा देती हैकाली मिर्च को मसालों का राजा कहा जाता है.  यह वजन को घटाने में मदद करती हैठंढ और खांसी से राहत देती हैपाचन में सुधार करती है साथ ही स्किन की कई सारी समस्याओं का इलाज करती हैकाली मिर्च पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड को बढ़ावा देती हैजो पाचन क्रिया के लिए मददगार होता हैइसके इस्तेमाल से पेट में कब्ज नहीं होता हैइसमें आयरन होता है जो की शरीर के लिए जरुरी होता हैसाथ ही यह हाई ब्लड प्रेशर को low करने में मदद करता है.



काली मिर्च के औषधीय गुण:-

  • इसके सेवन से पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड का स्राव बढ़ता है.
  • इसकी तासीर गर्म होती हैजिसकी वजह से कफ  सर्दी जुकाम में राहत मिलती है,
  • काली मिर्च गठिया के रोगी को फायदा पहुँचाती है.
  • स्किन पे काली मिर्च का तेल लगाने से गर्माहट मिलती हैजिससे ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है.
  • पेट में जब गैस बन जाता है तो काली मिर्च का प्रयोग करना चाहिएये गैस को बाहर निकाल देती है.
  • पिपरिन नामक केमिकल की उपस्थिति में काली मिर्च शरीर में विटामिन A, C एंड बीटा कैरोटीन जैसे पोषक तत्वों को बढ़ाती है.
  • काली मिर्च के बाहरी परत में फाइटोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैंजो वसा कोशिकाओं को तोड़ने में काफी मदद करते हैंजिससे वजन कम होता है.
  • पिपरिन की मदद से सेरोटॉनिक का उत्पादन बढ़ता हैजो की एक तरह का एंटी डिप्रेसेंट हैजिससे मूड ठीक होता है और उदासी कम होती है.
  • इसके सेवन से अल्जाइमर्स के रोग को भी ठीक किया जा सकता है.

5. धनिया (Coriander):-हरी धनिया और धनिया पाउडर के बिना व्यंजन का स्वाद फीका रह जाता है साथ ही इसके इस्तेमाल से व्यंजन से आने वाली खुशबू बढ़ जाती हैज्यादातर व्यंजन को गार्निश करने के लिए हम धनिया के हरी पत्तियों का प्रयोग करते हैंजिससे हमारे व्यंजन का स्वाद और उसकी खुशबू एवं देखने में सुंदरता सभी बढ़ जाते हैंधनिया को सीलैंट्रो नाम से भी जाना जाता हैयह स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार से फायदेमंद हैधनिया के बीज में एंटी ऑक्सीडेंट गुण और आहार फाइबर होते हैंजो लीवर के स्वस्थ काम को a आगे हैं है और मल त्याग की सुविधा प्रदान करते हैंये पाचन यौगिकों और रस की पीढ़ी में मदद करते हैंजो पाचन की प्रक्रिया को आसान बनाते हैंयदि आपका भोजन सही तरीके से  पचा हो तो आप अपने खाना में धनिया के बीज शामिल करेंआपको फर्क जरूर महसूस होगा.






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