रिसर्च के अनुसार भारत में 7 से 9 प्रतिशत लोगो को बोलने सुनने और समझने में परेशानी होती है इनमे 14 प्रतिशत केवल बोलने से जुड़ी हुई समस्या है स्पेशलिस्ट की माने तो कम उम्र में ही इस पर ध्यान देना चाहिए और जैसे ही पता चले की आपके बच्चे को बोलने सम्बन्धी समस्या है तो निकटम स्पीच थेरेपिस्ट से मिले उनके पास कुछ विशेष तकनीक होती है जिससे बच्चा आसानी से सिख कर बोलना धीरे धीरे शुरू कर देता है हाँ थोड़ा समय तो जरूर लग सकता है |
कुछ लोगो का मानना होता है उम्र बढ़ने पर यह समस्या दूर हो जाती है लेकिन हमेशा ऐसा नहीं हो पाता कभी -कभी बहुत मुसीबत भी हो जाती है ऐसे में समय का ख्याल रखे की बिता हुआ समय लौटकर नहीं आता है अपने बच्चे को बोलने दे यदि समय पर ऐसा नहीं कर पते है तब स्पीच थेरेपिस्ट की मदद लेने में देर न करे
आम तौर पर स्पीच थेरेपी प्राइवेट संस्थानों में तो महंगा होता है पर सरकारी हॉस्पिटल में फ्री होता है वहां भी जा सकते है|
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