टेलबोन में दर्द के दौरान, बैठते या चलते समय समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, बाथरूम करते वक्त परेशानी होती है और पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अधिक समस्या का सामना करना पड़ता है।
कमर(पीठ) के निचले हिस्से का दर्द क्या है?
गुदास्थि आपके कूल्हों के बीच में या गुदे के ऊपर स्थित होता है। जब गुदास्थि सूज जाती है तो वह कोमल हो जाती है और इसमें भयंकर दर्द होने लगता है।
बैठने पर यह दर्द और भयावह रूप धारण कर लेता है। डॉक्टरी भाषा मे इस दर्द को 'टेलबोन दर्द या कोक्सीडैनिया' (Coccydynia) कहते हैं।
कमर के निचले हिस्से में दर्द होना एक बहुत ही गंभीर समस्या है। यह आज कल बहुत आम बीमारी हो गयी है। लगभग 85 प्रतिशत लोग अपनी जिन्दगी में इसका सामना एक ना एक बार जरूर करते हैं। यह दर्द इतना भयंकर होता है कि ना बैठने पर, ना लेटने पर और ना खड़े होने पर आराम मिलता है। कमर के निचले हिस्से का दर्द बहुत कष्टदायी होता है। जितना हो सके इससे बचने कि कोशिश करनी चाहिए। टेलबोन में दर्द होना दुर्भाग्यपूर्ण है।
टेलबोन में दर्द के दौरान, बैठते या चलते समय समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, बाथरूम करते वक्त परेशानी होती है और पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अधिक समस्या का सामना करना पड़ता है।
टेलबोन में दर्द कई कारण से होते हैं- जैसे कि लंबे समय तक हार्ड बेंच पर बैठने से या किसी अन्य असुविधाजनक सतह पर बैठने से। टेलबोन के दर्द के कारण कई समस्याएं और असुविधा महसूस होती है। हमारे शरीर का अधिक वजन होना टेलबोन में दर्द की समस्याओं के लिए एक प्रमुख कारक है। यदि आपको गंभीर दर्द होता है तो डॉक्टर से परामर्श जरूर ले।
टेलबोन हमारी रीढ़ की हड्डी के बहुत नीचे केंद्रित होता है। टेलबोन बहुत छोटा होता है। फिर भी यह एक अहम भूमिका निभाता है। जब हम बैठते हैं तो यह हमें स्थिर करता है।
कोक्सीडैनिया के कारण (Cause of Coccydynia in Hindi):
इस समस्या का सबसे बड़ा कारण कमर के निचले हिस्से में चोट लगना है। परन्तु इसके कुछ और कारण हैं जिनके कारण यह होता है।
1. गिरना- चोट लगने का सबसे बड़ी वजह है। बैठे बैठे कमर के बल पीछे गिरने से गुदास्थि को बहुत हानि पहुँचती है। यह भी मुख्य कारणों में से एक है।
2. खेल के दौरान सीधा सम्पर्क होने से भी निचले हिस्से पर बुरा असर पड़ता है।
3. प्रेग्नेंसी के दौरान भी यह हड्डी टूट सकती है। प्रेग्नेंसी में त्रैमासिकों के दरमियान इस हड्डी में दर्द की शिकायत आम है।
4. गेंदबाजी, रोइंग व साइकिल चलाने से भी यह हड्डी सूज जाती है। जिसके कारण दर्द की शिकायत पैदा हो जाती है।
5. कभी-कभी कमर के निचले हिस्से में दर्द बिना किसी सटीक कारण के भी हो जाता है।
6. बोन स्पर्स यानी हड्डियों मे कूब होने से गुदास्थि पे अत्यधिक दबाव पड़ता है जिससे दर्द होना शुरू हो जाता है। यह कारण इतना लोकप्रिय नहीं है।
7. तेजी से वजन घटाने पर भी इस हड्डी को नुक्सान पहुंचने की संभावना होती है।
8. रीढ़ की हड्डी में पस पड़ जाना एक बहुत ही भयावह स्थिति है। इस कारण से भी कई बार निचले हिस्से में दर्द होने लगता है।
9. सबसे खतरनाक एवं असामान्य कारण है कैंसर। ये असाधारण कारण जरूर है किन्तु असंभव नहीं। इसलिए हमें इस दर्द को गंभीरता से लेना चाहिये।
कोक्सीडैनिया के लक्षण (Symptoms of Coccydynia in Hindi):
कमर के निचले हिस्से के दर्द की वजह जानने के बाद जरूरी है इसके लक्षणों को पहचानना। यह एक गंभीर समस्या है इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए और तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
इसके लक्षण कुछ इस प्रकार हैं–
1. निचला हिस्सा बहुत कोमल होता है इसलिए इसमें दर्द असानी से पता लगाया जा सकता है।
2. निचले हिस्से को ध्यान से देखें कहीं चोट का निशान तो नहीं है।
3. बैठने पर अत्यधिक दर्द होना इसका सबसे बड़ा लक्षण है। यह दर्द दबाव के साथ बढ़ जाता है।
4. मल त्याग करने के दौरान दर्द व खिंचाव का एहसास होना।
5. सम्भोग के दौरान असहनीय दर्द होना भी इसके कई लक्षणों में से एक हैं।
कमर के निचले हिस्से में चोट से बचने के तरीके:
कमर का निचला हिस्सा बहुत नाजुक एवं कोमल होता है। जितना हो सके हमें इस हिस्से की देखभाल करनी चाहिए और इस पे चोट लगने से बचाना चाहिए।
चोट से बचने के कुछ उपाय है:
1. खेलकूद के दौरान अपना बचाव करें। सुरक्षात्मक गियर का प्रयोग करें ।
2. अपने आसपास की चीजों का ध्यान रखे, देख कर चले कि कहीं नीचे पानी या बर्फ तो नहीं है। कमर के बल गिरना चोट का मुख्य कारण है इसलिए नीचे देख कर चले।
Note: दुर्घटना से भली सावधानी होती है। इन चीजों का ध्यान रखे व अपने आप को चोट लगने से बचाए।
कमर के निचले हिस्से का दर्द बहुत कष्टदायी होता है। इससे बचने के कुछ घरेलु उपाय इस प्रकार हैं:
- गरम या ठंडी सिकाई
- मसाज
- विटामिन
- कास्टर ऑइल
- सेंधा नमक
गरम या ठंडी सिकाई:
- यह तरीका सबसे ज्यादा अपनाया जाना वाला तरीका है। सिकाई हमारे शरीर में हो रहे खिंचाव एवं सूजन से निजात दिलाते हैं।
- गरम पानी की बॉटल या गरम पैड से सिकाई करना दोनों ही इसमें आराम देते हैं। वहीँ दूसरी ओर ठंडे पैक से भी आप सिकाई कर सकते हैं। इसके लिए आइस पैक का उपयोग करे।
- गरम पानी से नहाने पर भी दर्द में आराम मिलता है।
मसाज:
- कमर और इसके आस- पास की जगह पे मसाज करने से इस दर्द को कम किया जा सकता है।
विटामिन:
- यह दर्द विटामिन डी, बी6 व बी12 की कमी के कारण होता है। विटामिन डी हमारी हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए उपयोगी होता है। इसकी कमी हड्डियों मे दर्द पैदा करती है।
- ज्यादा कमी हड्डियों को कमजोर बना देती है। विटामिन डी कैल्शियम के साथ मिलकर हमारी हड्डियों को स्वस्थ रखता है।
- विटामिन बी भी हड्डियों के स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरुरी है। इसकी कमी शरीर में बहुत दर्द पैदा कर सकती है। धूप, समुद्री खाना, चीज, हरी सब्जियां, सोया, दाल आदि का सेवन जरूर करे। अपने शरीर में इनकी कमी ना होने दें।
अगर तब भी कमी आ रही है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाए और उचित विटामिन की दवाइयाँ लें।
कास्टर ऑइल:
- कॉस्टर आयल का मसाज सूजन कम करने में लाभदायक होता है।
- यह आराम पाने का सबसे आसान तरीका है। कास्टर ऑइल से सूजन बहुत जल्दी कम होती है जिससे बहुत जल्दी आराम मिलता है।
- यह अपने कीटनाशक गुणों के लिए भी जाना जाता है। यह तेल निचले हिस्से के संक्रमण का भी इलाज कर देता है।
सेंधा नमक:
- सेंधा नमक मिले पानी से नहाने से थकान एवं तनाव दूर होते हैं। जिससे नसों की सूजन व जकड़न दूर होती है।
- यह शरीर का विषहरण भी करने में काम आता है।
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